नवरात्रि स्थापना कल, भींडर के प्रसिद्ध कालिका माता शक्ति पीठ में आते हैं हजारों की संख्या में भक्तगण
मेवाड के प्रसिद्ध शक्तिपीठ कालिका माता मंदिर पर कल नवरात्रि स्थापना होगी। नौ दिनों तक मंदिर परिसर में कई धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
भींडर नगर का प्रमुख शक्तिपीठ कालिका माता मंदिर आस्था और विश्वास का पर्याय बना हुआ है। यहां हमेशा भक्तजनों का तांता लगा रहता है। नवरात्रि पर्व पर माता के दरबार में भक्तों का हजूम देखते ही बनता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार 150 से 200 वर्ष पुराने इस धार्मिक स्थल के बारे में बताया जाता है कि खेत से स्वयंभू आकृतियां प्रकट हुई जिसे कालांतर में कालिका माता का स्वरूप माना गया। प्राकृटय स्थल पर ही मूर्ति की स्थापना कर पूजा अर्चना की जाने लगी धीरे-धीरे तत्कालीन चमत्कारी स्थल को नई पहचान मिली समय के गतिमान चक्र के साथ ही मंदिर की महिमा एवं चमत्कारी किवदंतियां विकास और आस्था के नवीन आयाम मे परिवर्तित होती चली गई।
कुछ वर्षों बाद चित्तौड़गढ़ किले पर स्थित 10 वीं सदी के कालिका माता मंदिर से जोत लाकर विधिवत मंदिर की प्राण- प्रतिष्ठा की गई तब से अब तक इस शक्तिपीठ पर माथा टेकने एवं अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए हजारों भक्तजनों का तांता लगा रहता है।
उदयपुर जिला मुख्यालय से महज 60किलोमीटर की दूरी पर स्थित माता रानी के दरबार में राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित आसपास के क्षेत्र से भक्तजन दर्शन लाभ करने के लिए आते हैं। मां के प्रांगण में धर्मराज मंदिर, हनुमान मंदिर, महादेव मंदिर एवं सांवलिया धाम भक्तजनों के आस्था का केंद्र बने हुए हैं। भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए माता के दरबार में हाजिरी लगाते हैं। चैत्र एवं शारदीय नवरात्रि में यहां भक्तों का हुजूम देखते ही बनता है।
नौ दिनों तक यहां कई प्रकार के धार्मिक अनुष्ठानो का आयोजन किया जाता है। एवं नवरात्रि के आखिरी दिन यहां पर विशाल मेले का आयोजन भी किया जाता है जिसमें विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं।
मंदिर मंडल के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह शक्तावत ने बताया कि मंदिर मंडल की ओर से बाहर से आए हुए भक्तजनों के लिए भोजन व्यवस्था भी निशुल्क रहती है। मंदिर के एक ओर बने हुए माता रानी के दरबार में पक्षियों की चहचहाहट एवं जल क्रीड़ा भक्तों का अनयास ही आकर्षित केंद्र बनी हुई है । पक्षीयो की जल क्रीड़ा एवं चहचहाहट भक्तों की थकान मिटा कर उन्हें शांति और सुख का एहसास कराती है।